Shubhanshu Shukla Axiom-4: अंतरिक्ष से लाइव कॉल में बोले शुभांशु शुक्ला – ‘जैसे बच्चा चलना सीखता है, वैसे मैं भी सीख रहा हूं!

sadakchaapnews
3 Min Read

41 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर भारत के नाम अंतरिक्ष में गूंजा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को Axiom-4 मिशन के तहत स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष में पहुंचते ही भारत को पहला लाइव संदेश भेजा। उन्होंने कहा कि वह खुद को ऐसा महसूस कर रहे हैं जैसे कोई बच्चा चलना सीख रहा हो। यह क्षण न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व और भावनाओं से भरा रहा।


अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला का संदेश

शुभांशु ने वीडियो कॉल के ज़रिए कहा:

“नमस्कार! मैं अब जीरो ग्रैविटी की आदत डाल रहा हूं। जैसे कोई बच्चा चलना सीख रहा हो, वैसे ही मैं सीख रहा हूं। तिरंगा मुझे याद दिलाता है कि आप सभी मेरे साथ हैं। यह भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम और गगनयान मिशन की ओर एक मजबूत कदम है।”


🚀 कब और कैसे पहुंचे अंतरिक्ष में?

  • शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्षयात्रियों ने 26 जून 2025 को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे
    फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी।
  • यह मिशन SpaceX Falcon 9 रॉकेट के ज़रिए लॉन्च किया गया।
  • उड़ान में उनके साथ Axiom-4 कमांडर पैगी व्हिटसन, मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विज्निएव्स्की और टिबोर कपू भी मौजूद थे।

41 साल बाद भारत का अंतरिक्ष में नया इतिहास

  • 1984 में राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बने थे।
  • 2025 में शुभांशु शुक्ला इस मुकाम तक पहुंचने वाले दूसरे भारतीय बने।
  • अंतरिक्ष में भारत की वापसी को लेकर उन्होंने कहा: “यह सिर्फ मेरी नहीं, हम सबकी यात्रा है। मैं तिरंगा अपने साथ ले गया हूं।”

अंतरिक्ष यात्रा के महत्व पर ज़ोर

  • शुभांशु ने कहा कि यह मिशन गगनयान जैसे भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक मजबूत नींव रखेगा।
  • उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इस यात्रा को केवल एक व्यक्ति की नहीं, समूचे देश की उपलब्धि के रूप में देखें।

भारतीयों के लिए गर्व का क्षण

शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा भारत के लिए वैज्ञानिक, सैन्य और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
उनकी यह यात्रा आने वाले समय में भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।


शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में पहुंचकर सिर्फ तकनीकी सफलता नहीं पाई, बल्कि उन्होंने एक भावनात्मक जुड़ाव भी पूरे देश के साथ साझा किया।
उनकी यह उड़ान हमें याद दिलाती है कि भारत अब अंतरिक्ष विज्ञान की नई ऊंचाइयों को छूने को तैयार है।

“नमस्ते, मेरे प्यारे देशवासियों – यह यात्रा आप सभी की है!”
जय हिंद

Share This Article
Leave a Comment