घर खरीदना हुआ आसान, अब डाउन पेमेंट और EMI के लिए निकाल सकेंगे 90% PF फंड!

sadakchaapnews
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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क | घर खरीदने की योजना बना रहे नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने PF निकासी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब कर्मचारी अपने पीएफ अकाउंट के 3 साल पूरे होने के बाद घर खरीदने के लिए अपने फंड का 90 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं। यह राशि घर की डाउन पेमेंट, निर्माण (कंस्ट्रक्शन) और ईएमआई जैसे खर्चों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।


🔄 पहले 5 साल थे ज़रूरी, अब 3 साल में मिलेगा लाभ

EPF स्कीम, 1952 में जोड़ा गया नया नियम पैरा 68-बीडी इस बदलाव की पुष्टि करता है। पहले, किसी भी प्रकार की हाउसिंग निकासी के लिए पीएफ अकाउंट का 5 साल तक चलना अनिवार्य था। इसके अलावा निकासी की राशि की गणना कर्मचारी और नियोक्ता (एम्प्लॉयर) के कुल योगदान और उस पर मिले ब्याज के आधार पर की जाती थी।

लेकिन अब केवल 3 साल में सदस्य अपने पीएफ से 90% राशि निकाल सकेंगे — यह न केवल घर खरीदने वालों के लिए राहत है, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी सकारात्मक संकेत है।


🎯 बदलाव का उद्देश्य

सरकार द्वारा यह बदलाव कर्मचारियों को उनके ‘डॉर्मेंट सेविंग्स’ यानी निष्क्रिय पड़ी बचत को बेहतर उपयोग में लाने के लिए किया गया है। इसका मकसद:

  • डाउन पेमेंट जैसी तत्कालिक चुनौतियों से राहत देना,
  • कर्मचारियों को घर खरीदने के लिए आत्मनिर्भर बनाना,
  • और हाउसिंग सेक्टर को समर्थन देना है।

हालांकि, यह सुविधा जीवन में केवल एक बार ही उपलब्ध होगी। यानी, सदस्य केवल एक बार पीएफ से 90% तक की निकासी कर सकते हैं।


🏦 जून 2025 से जुड़े अन्य बड़े बदलाव

घर खरीदने के अलावा ईपीएफओ ने पीएफ निकासी को और भी सुविधाजनक बनाने के लिए कई अहम सुधार किए हैं:

  1. इमरजेंसी निकासी की सुविधा:
    अब सदस्य UPI और ATM के माध्यम से किसी भी आपात स्थिति में 1 लाख रुपये तक की तुरंत निकासी कर सकेंगे।
  2. ऑटो सेटलमेंट लिमिट बढ़ी:
    ऑटोमैटिक क्लेम सेटलमेंट की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
  3. दस्तावेज़ सत्यापन सरल:
    पहले जहां क्लेम वेरिफिकेशन 27 पैरामीटर्स पर होता था, अब सिर्फ 18 पॉइंट्स पर किया जाएगा।
  4. तेजी से क्लेम निपटारा:
    वर्तमान में 95 प्रतिशत मामलों में 3-4 दिन के भीतर पीएफ क्लेम सेटलमेंट हो रहा है, जो पहले की तुलना में काफी तेज़ है।

📈 कर्मचारियों की लिक्विडिटी को मिलेगा बूस्ट

इन नए बदलावों से नौकरीपेशा वर्ग को घर खरीदने, इमरजेंसी खर्चों से निपटने और वित्तीय योजना बनाने में बड़ी मदद मिलेगी। यह कदम विशेष रूप से उन युवाओं के लिए फायदेमंद साबित होगा जो जल्दी घर खरीदना चाहते हैं लेकिन डाउन पेमेंट की वजह से निर्णय नहीं ले पा रहे थे।


पीएफ विदड्रॉल को लेकर ये सुधार सरकार की कर्मचारी हितैषी नीति की ओर इशारा करते हैं। अब घर खरीदने का सपना पहले से कहीं ज्यादा सुलभ हो गया है। साथ ही, इमरजेंसी में त्वरित निकासी और आसान प्रक्रिया ने ईपीएफओ को और भरोसेमंद बना दिया है।

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